हिन्दी किसी संप्रदाय विशेष की भाषा नहीं, यह जन-जन की भाषा है। हिन्दी हमारे ह्रदय की भाषा है। लोगों को आकर्षित करती है हिन्दी की मधुरता। विश्व की सबसे बड़ी भाषा है हिंदी। महाविद्यालय जी.जी.डी. एस.डी. खेरी गुरना के चेतना सत्र में हिंदी दिवस बड़े उत्साह से प्रधानाध्यापक मीनाक्षी नेगी की अध्यक्षता में मनाया गया। कार्यक्रम का संचालन सहायक शिक्षक विवेक रवि एवं पुस्तकालय सहायक प्रेरणा शर्मा ने किया। महाविद्यालय के पुस्तकालय में आयोजित कार्यक्रम में “देश में हिंदी भाषा का महत्व व संस्कृति में योगदान” विषय पर शिक्षकों तथा छात्रों ने अपने विचार प्रकट किए। अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में प्रधानाध्यापक ने कहा कि हिंदी देश को जोड़ने वाली भाषा है।इस अवसर पर कार्यक्रम सहायक विवेक रवि ने अपने उद्बोधन में कहा कि 14 सितंबर को देश भर में हिंदी दिवस मनाया जाता है। आजादी मिलने के दो साल बाद 14 सितबंर 1949 को संविधान सभा में एक मत से हिंदी को राजभाषा घोषित किया गया था और इसके बाद से हर साल 14 सितम्बर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। देश की स्वतंत्रता और विकास में हिंदी भाषा का अहम योगदान है। हिंदी से ही हिंद है। विश्व की सबसे बड़ी भाषा हिंदी है। उन्होंने कहा कि अब हिंदी राष्ट्र भाषा की गंगा से विश्व भाषा का महासागर बन रही है। विद्यार्थियों को आधुनिकता एवं अंग्रेजीयत से अलग होकर हिन्दी की रोचकता और महत्ता को जानने पहचानने की जरूरत है। आज हिंदी भारत में ही नहीं बल्कि विश्व भर में बोली समझी जाने वाली विश्व भाषाओं में अपनी पहचान स्थापित कर चुकी है। निर्णायक मंडल का नेतृत्व डा अंकिता गुप्ता एवं डा लखविंदर कौर ने किया तथा विद्यार्थियों की पोस्टर एवं पुस्तक चिन्ह प्रतियोगिता में से उत्कृष्ट आवेदनों का चयन किया ।अंग्रेजी शब्दों का हिन्दी में सही उच्चारण के बारे में बताया गया इसके बाद लघु नाटिका ‘भाषा का सम्मान’ का मंचन किया गया जिसे सभी ने सराहा। विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को सम्मानित किया गया । छात्र-छात्राएं ने चेतना सत्र में शामिल होकर कार्यक्रम को सफल. बनाया ।